प्रवेश
भारत संचार निगम लिमिटेड, यानी बीएसएनएल 220, भारतीय लोगों के लिए एक अत्यंत परिचित नाम है। इसकी शायद आपको जानकारी होगी कि बीएसएनएल की वार्षिक कमाई लगभग 8940 करोड़ रुपए थी। यह आंकड़ा नेट प्रॉफिट से अद्यावधिक इनकम को दर्शाता है, जिसमें सभी खर्चों को निकाल कर शेष मुनाफा शामिल था। बीएसएनएल को इसके अलावा बहुत समय तक बेसन के यूजर्स से वाणिज्यिक लाभ मिल रहा था। लेकिन बीएसएनएल ने 7641 करोड़ रुपए का नोट बुक किया था।
उत्पत्ति
बीएसएनएल की शुरुआत 2002 में हुई थी। यह भारत को विदेश से टेलीफोन लाइन के जरिए जोड़ती थी। साथ ही, इसका नाम विदेश संचार निगम लिमिटेड रखा गया था। उसके बाद 2004 में एक सेकंड सी कंपनी आई, जिसके पास एयरटेल के बाद सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे। 2005 में, विदेश संचार निगम लिमिटेड ने बीएसएनएल के नाम से बदल दिया गया। इस तरीके से बेसन की शुरुआत अच्छी तरह से हुई लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी की वृद्धि होती गई, बेसन पिछड़ रह गई।
घाटा
बेसन के पीछे के कारणों में कई घटक थे। सबसे पहले, बीएसएनएल ने फ्यूचर को अच्छी तरह से समझा नहीं। वायरलेस नेटवर्क की मांग बढ़ने लगी जबकि लाइन नेटवर्क की मांग कम होने लगी। इसके बावजूद, बीएसएनएल नेटवर्क को नई टेक्नोलॉजी के अपडेट करने में देरी कर दी और इससे प्राइवेट कंपनियों ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।
दूसरा कारण कंपटीशन था। अनेक नए प्राइवेट कूरियर कंपनियां आईं और बेसन की तकनीक में नए उपयोग ला रही थीं। दूसरी कंपनियां तेजी से नवीनतम टेक्नोलॉजी को ऐड कर रही थीं और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर रही थीं। बीएसएनएल ने यह टेक्नोलॉजी को ऐड करने में समय देना चाहा, लेकिन वह इसे सफलतापूर्वक कर नहीं पाए।
तीसरा कारण था शोध-डिज़ाइन मेथड। जब बीएसएनएल किसी नई पॉलिसी को लागू करती थी, तो उसे होम मिनिस्टर और टेलिकॉम मिनिस्टर की मंजूरी लेनी पड़ती थी। इसके बाद भी वह उसे भेंट करनी पड़ती थी। प्राइवेट कंपनियों में ऐसा नहीं होता था, वह तेजी से नई पॉलिसी को लागू करती थी और इसे अच्छी तरह अमल में लाती थी।
चौथा कारण थी कस्टमर सर्विस। बीएसएनएल, एक सरकारी कंपनी होने के कारण, अपनी कस्टमर सर्विस में उच्च स्तर पर चाहती थी, लेकिन यह संभव नहीं था। वहां पर अन्य निजी कंपनियां हाईटेक विशेषज्ञों को रखकर उच्च स्तर की कस्टमर सेवा प्रदान करती थीं।
संकल्प
बीएसएनएल के सभी इस्तीफे लेने के बावजूद, कंपनी ने कठिनाइयों का सामना किया है। वह अपने लॉन्च को बढ़ाने के लिए नई तकनीक और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है। अब बेसन अपनी पहचान बचाने के लिए अपने भारतीय ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास कर रही है।
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