Bharat Pe :इन दिनों फिनटेक कंपनियों के दिन ठीक नहीं चल रहे हैं। पहले आरबीआई ने Paytm फरवरी तक बंद करने का निर्देश दिया था अब भारत सरकार के कॉपरेट अफेयर्स मंत्रालय ने फिनटेक कंपनी BharatPe को नोटिस जारी किया है। बीते कुछ सालों में BharatPe और कंपनी के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर चर्चा में रहे हैं, मगर अब एमसीए ने फिनटेक को नोटिस क्यों जारी किया है वह जानेंगे इस रिपोर्ट में। बिस्क कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने Bharat Pe को नोटिस क्यों जारी किया। इसके लिए आपको थोड़ा बैकग्राउंड बता देते हैं।
अशनीर ग्रोवर ने मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा क्यों दिया था
साल 2018 में अशनीर ग्रोवर ने Bharat Pe की स्थापना की थी। मगर यह विवादों में साल 2022 में आई जब कंपनी के कोफाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कोटक ग्रुप के कर्मचारी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उसे धमकी दी थी। वो इसलिए क्योंकि तब कोटक ग्रुप का कर्मचारी नायका कंपनी के आईपीओ के दौरान अलॉटमेंट को सिक्योर नहीं कर पाया था। इस विवाद के बाद अशनीर ग्रोवर ने Bharat Pe के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही कंपनी ने अपने वित्तीय खातों का ऑडिट कराने का भी फैसला किया था। इस ऑडिट के बाद में अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेर करने के आरोप लगे थे। जिसके बाद उन्हें कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया गया था। अब आपको यह जानना इसलिए जरूरी था क्योंकि Bharat Pe को जारी किए गए इस नोटिस का सीधा संबंध अशनीर ग्रोवर से है। मंत्रालय ने कंपनी को नोटिस जारी करते हुए Bharat Pe से अशनीर ग्रोवर मामले में ज्यादा जानकारी मांगी है। साथ ही कंपनी से अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल किए गए आपराधिक और दीवानी मामलों से जुड़े सबूत की मांग की है। मंत्रालय ने यह नोटिस कानून की धारा 206 के तहत जारी किया है।
Bharat Pe कंपनी का जवाब
जब इस नोटिस का जवाब मांगा गया तो Bharat Pe ने बताया कि हम जांच एजेंसियों की हर संभव मदद करने की कोशिश करेंगे। अशनीर ग्रोवर के खिलाफ मामला करीब 2 साल से चल रहा है। अब जैसे ही BharatPe को सरकार की तरफ से नोटिस जारी हुआ, अशनीर ग्रोवर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक्टिव हो गए और उन्होंने ट्वीट करके लिख दिया कि मुझे खुशी है कि एमसीए इस मामले पर गौर कर रहा है। BharatPe कंपनी मायने रखती है और उन्होंने लिखा कि मैं खुद कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी में गया हूं। मुझे यकीन है कि इसका मुझसे कोई लेना देना नहीं है क्योंकि यह नोटिस कंपनी को भेजा गया है, मुझे नहीं।
संकट का समय
पिछले एक हफ्ते से देश में फिनटेक कंपनियों का संकट बढ़ा हुआ है। आरबीआई के एक फैसले से इसका संकट बढ़ गया है।
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