थेरानोस की फाउंडर, एलिजाबेथ होम्स
पिछले कुछ सालों में देश और दुनिया के कारोबारी जगत में ऐसे कई लोगों की अक्सर चर्चा होती है जिन्होंने रातों-रात शोहरत की बुलंदियां छुई लेकिन लंबा नहीं टिक सके। इनमें से एक है अमेरिका की थेरानोस की फाउंडर एलिजाबेथ होम्स। एलिजाबेथ होम्स कभी अमेरिका की सबसे युवा और सेल्फ मेड अरबपति थी। उनकी कंपनी एक समय पर दुनिया की सबसे एडवांस्ड हेल्थ टेक्नोलॉजी कंपनी मानी जाती थी। उनका बिजनेस इस आइडिया पर बेस्ड था कि उनकी टेक्नोलॉजी खून के सैंपल से मरीजों की मेडिकल कंडीशंस का पता लगा लेगी। इससे मरीज अपनी उंगली में सोई चुभ होकर टेस्ट कर लेंगे और उन्हें इवेसिव ब्लड टेस्ट से गुजरना नहीं पड़ेगा। एक समय पर अगली स्टीव जॉब्स कहलाने वाले एलिजाबेथ होम्स को बाद में 11 साल की सजा सुनाई गई। एलिजाबेथ अरबों डॉलर की धोखाधड़ी की दोषी पाई गई हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
यह तो अमेरिका के कुछ असफल बिजनेस पर्सन के उदाहरण हैं, लेकिन भारत में भी अनल अंबानी समेत कई बिजनेस पर्सन ऐसे हैं जो तेजी से सफलता की सीढ़ी चढ़े लेकिन अपने कारोबारी साम्राज्य को बचा नहीं पाए या यूं कहें जिस तेजी से आगे बढ़े उतनी रफ्तार के साथ नीचे भी आ गए। इन बिजनेस पर्सन की कहानियों से पता चलता है कि पैसे कमाना और उन्हें मेंटेन करना आगे बढ़ाना काफी मुश्किल हो जाता है।
कैसे बनाएं सफलतापूर्ण बिजनेस
लोगों को बिजनेस शुरू करने के बाद उसे कैसे बनाए रखा जाना चाहिए इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। हमारे देश में पिछले 10 से 12 सालों में बड़ी तादाद में स्टार्टअप्स तेजी से उभरे हैं। इनमें दो स्टार्टअप्स जो सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़े उनमें पेटीएम का नाम सबसे पहले लिया जाता है। लेकिन अब ये दोनों स्टार्टअप्स पिछले कुछ दिनों या कहीं महीनों से काफी मुश्किलों में फंसते हुए नजर आ रहे हैं।
पेटीएम की कठिनाइयां
आज के खर्चा पानी में इनके अर्श से वर्ष पर आने की पूरी कहानी आपको विस्तार से बताएंगे। पहले बाय जूज और पेटीएम बैंककॉम ना पड़ रहा है। इसके साथ ही ईडी ने पेटीएमफर्स्टगेम्स डॉटकॉम में फिनटेक को पैदा किया है। अनीर ग्रोवर ने आगे कहा कि पेटीएम बैंककॉम जनवरी 2024 को पेटीएम बैंककॉम कंपनी 197 कम्युनिकेशंस के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। 15 फरवरी को जब बुलेटिन लिखा जा रहा था तो भी दोपहर करीब 1 बजे पेटीएम गिरावट के साथ ₹2500000 की लोकप्रियता और वैल्यूएशन दोनों में भारी रावत देखी गई है। विस्तार से एक-एक करके बात करते हैं।
दोनों ही स्टार्टअप्स के बारे में शुरुआत पेटीएम बैंककॉम नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया और कुछ देर बाद 5500 और 000 के नोट चलन से बाहर हो गए। इस नोटबंदी का फायदा देश की कई फिनटेक कंपनियों को हुआ। इन कंपनियों में फो p google2 के बाद पेटीएम बैंककॉम 10 में लॉन्च किया गया था। तो पेटीएम बैंककॉम बिल्स जैसे बिजली बिल, मोबाइल बिल आदि का ही पेमेंट किया जा सकता था।
लेकिन नोटबंदी के बाद पेटीएम बैंककॉम दिन बाद 10 नवंबर 2016 को पेटीएम बैंककॉम को लेकर विज्ञापन लॉन्च किया गया। इस विज्ञापन में लिखा गया कि अब एटीएम नहीं पेटीएम बैंककॉम पेमेंट्स को रफ्तार देगी। विजय शेखर शर्मा की बात सच भी साबित हुई नोटबंदी के बाद से इसके यूजर्स और ट्रांजैक्शंस दोनों में तेज उछाल आया। साथ ही जनवरी 2017 में पेटीएम बैंककॉम को पेटीएम बैंककॉम कंपनी 197 कम्युनिकेशन 18300 करोड़ का आईपीओ लेकर आई।
भारत के शेयर मार्केट में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था। कंपनी के आईपीओ को लोगों ने हाथों हाथ लिया और 950 पर इसकी लिस्टिंग हुई। जब कंपनी के पास पैसा आया तो कंपनी ने अपना कारोबार विस्तार किया। कंपनी ने ऑफलाइन व्यापारियों, यूपीआई, फास्टटेक, मोबाइल वॉलेट, ई-कॉमर्स, इंश्योरेंस, स्टॉक ब्रोकिंग, पेमेंट बैंक समेत कई क्षेत्रों में विस्तार किया। पेटीएम बैंककॉम ने काफी तेजी से फाइनेंशियल सर्विसेस की दुनिया में भी कदम बढ़ाया।
गांव के किराना स्टोर से लेकर बड़े-बड़े मॉल्स तक पेटीएम360 वॉलेट खाता धारक थे। लेकिन 31 जनवरी 2024 को पेटीएम बैंककॉम के दिन आरबीआई ने कहा कि पेटीएम बैंककॉम को नए डिपॉजिट लेने, फंड ट्रांसफर करने और नए ग्राहक बनाने से रोक दिया गया है। अब चूंकि पेटीएम बैंककॉम में इसके आईपीओ लॉन्च होने के बाद से ही शुरू हो गई थी, मार्च 2022 में आईपीओ लॉच होने के चंद दिनों बाद ही इसके शेयरों की कीमत 950 की लिस्टिंग प्राइस का एक चौथाई रह गई थी। पेटीएम बैंककॉम इस ₹1 था। उस समय भी आरबीआई ने तुरंत प्रभाव से इसकी पेमेंट्स बैंककॉम को नए ग्राहक बनाने से रोक दिया था। वीडियो रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि पेमेंट्स बैंककॉम ने अलीबाबा को अहम जानकारियां लीक की थी।
अलीबाबा की उस समय पेटीएम बैंककॉम में 7 फीसदी हिस्सेदारी थी। अब एक बार फिर पेटीएम बैंककॉम नए जमाने के शेयर को अंडर परफॉर्म करार दिया है। इसने इसके लिए ₹2500000 लेने से पहले दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच कर रही है। पेटीएम बैंककॉम जमा किए हैं जिसके बाद उनसे कुछ सवाल पूछे गए। सूत्रों ने बताया कि कुछ और जानकारियां भी मांगी गई हैं। इसी तरह एडिटेक कंपनी बाय जूज भी कई चुनौतियों से जूझ रही है। कंपनी के पास कैश नहीं है, अपनी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग करने में देरी कर रही है और अपने कर्ज दाताओं से झवले में फंसी हुई है।
कंपनी 2022 में 22 अरब डॉलर की थी, लेकिन इसकी कीमत 95 फीसदी घट गई। वित्त वर्ष 2021-22 में बाय जूस को पांच करोड़ 98.43 करोड़ की आय हुई थी, लेकिन घाटा 8245 करोड़ का हो गया था। खर्च 94 फीसदी बढ़कर 13668 करोड़ पर पहुंच गया था। भारत में कंपनी छटनी कर रही है और विदेश में कर्ज को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही है। बाजूस के सबसे बड़े इन्वेस्टर प्रोसेस ग्रुप ने भी इस कंपनी की वैल्युएशन को 22 अरब डॉलर से घटाकर 5.1 अरब डॉलर कर दिया है। आइए जानते हैं बाय जूस के अर्श से फर्श पर पहुंचने की पूरी कहानी क्या है।
जब कोरोना का विस्फोट हुआ और स्कूल और कॉलेज काफी समय के लिए बंद हो गए तो इससे देश में ऑनलाइन पढ़ाई कराने वालों की चांदी हो गई। कोरोना के दौर में इसका सबसे बड़ा फायदा उठाया बाय जूज ने। देखते ही देखते एक समय बाय जूज देश की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली स्टार्टअप कंपनी बन गई। बाजार के धुरंधरों ने भी बाय जूज की बादशाहत को स्वीकारते हुए उसकी वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर यानी आज की तारीख में रुपयों में कहें तो 82000 करोड़ के आसपास आंकी।
इसका अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि 2019 में बाय जूज भारतीय क्रिकेट टीम के आध बार एक स्पांसर बनी। जून 2020 में बाय जूज दुनिया में सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाला टेक स्टार्टअप बन गई। इस कंपनी के फाउंडर बायजू रविंद्रन और दिव्या गोकुलनाथ हैं। आप समझते हैं कि पेटीएम जूज ने वो कौन सी गलतियां की कि आज ने मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
असफल बिजनेस पर्सन का निर्माण
फाइनेंस एक्सपर्ट शरत कोहली ने इसकी वजह समझाते हुए बीबीसी हिंदी को बताया है कि पेटीएम कंपनी चेतावनी दी गई थी। उसके मुताबिक भी खुद को नहीं सुधारा। इसी का खामियाजा आज उसे भुगतना पड़ रहा है। वहीं एंजल निवेशक मॉडल के आलोचक डॉक्टर अनिरुद्ध मालपानी कहते हैं कि बाय जूस ने शुरू में काफी मिस सेलिंग की उसके बिजनेस मॉडल में मौलिकता नहीं थी। वो खान अकेडमी का कॉपी पेस्ट मॉडल था। फर्क सिर्फ ये था कि बाय जूस स्टूडेंट को टैबलेट दे रही थी।
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